Shikha Arora

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लेखनी कहानी -10-Jul-2022 - नाॅन स्टाॅप 2022- भगवान के डाकिए

भगवान के डाकिए होते सबसे प्यारे,
देश विदेश में संदेश बांचते हैं ये न्यारे ।
बादल का कभी रूप ले बरसे घनघोर,
चैन चुरा कर मनमीत का लगे चितचोर।
कभी पक्षी बन उड़ते जाते ये दूर गगन,
सिखाते सबको स्वार्थ छोड़ो रहो मगन।
जब फैलती है यहां पर सूरज की किरण,
कर लो मिलकर सब भगवान का सुमिरन।
कभी फैलाते हैं डाकिए चांदनी को रातों में,
खो जाओ अब प्रीतम की मीठी बातों में।
तारों की छाया में जब भी बिस्तर लगाया,
दिल में अपनेपन का ही एहसास जगाया।
कभी तितली सा वह उड़ते रहते बागों में,
रसपान कर जिंदगी को पिरोना धागों में।
कभी झरने बनकर वो है जीवन में आते,
निर्मल सा बहना यहां हम सबको सिखाते।
पंचतत्व पौधे पर्वत सब भगवान के डाकिए,
भेदभाव दिल से मिटा अंदर अपने झाकिए।
भगवान के डाकियों को मेरा शत-शत नमन,
भरा पूरा मुस्कुराता रहे सदा हमारा ये चमन।।


#नॉनस्टॉप प्रतियोगिता २०२२
शिखा अरोरा (दिल्ली)












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11 Comments

Parangat Mourya

08-Feb-2023 12:44 AM

Behtreen 👌🌸

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बहुत ही सुंदर सृजन और अभिव्यक्ति एकदम उत्कृष्ठ

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बहुत खूब

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